Gurudwara Shri Reetha Sahib- गुरु जी की अपार कृपा से कड़वे रीठों में मिठास भर गई

Edited By Niyati Bhandari,Updated: 01 Feb, 2022 12:38 PM

gurudwara shri reetha sahib

सिख धर्म से संबंधित ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिबान में विश्व प्रसिद्ध गुरुद्वारा श्री रीठा साहिब भी शामिल है।

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

Gurudwara Reetha Sahib: सिख धर्म से संबंधित ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिबान में विश्व प्रसिद्ध गुरुद्वारा श्री रीठा साहिब भी शामिल है। यह अति पावन स्थान है। अपनी पहली उदासी (धर्म प्रचार-यात्रा) के दौरान श्री गुरु नानक देव जी ने उत्तराखंड के जिला चंपावत में स्थित इस पावन स्थान पर पहुंच कर इसे पवित्र किया था। साथ में योगियों के मन में भरे अहंकार एवं अंधकार को मिटाकर उन्हें दिव्य एवं सच्चे ज्ञान के प्रकाश से अवगत करवाया था। 

PunjabKesari Gurudwara Shri Reetha Sahib

हल्द्वानी से गुरुद्वारा श्री रीठा साहिब तक लगभग 50 किलोमीटर का रास्ता अभी भी कच्चा है। अगर काठगोदाम, भीमताल एवं पट्टी टाऊन की ओर से यहां पहुंचना हो तो लगभग 160 किलोमीटर लम्बे पक्के रास्ते का उपयोग किया जा सकता है। 

PunjabKesari Gurudwara Shri Reetha Sahib

वर्तमान में गुरुद्वारा श्री रीठा साहिब गांव ‘चौड़ा पत्ता’ के निकट उस अद्भुत क्षेत्र के निकट सुशोभित है, जहां सभी ओर मीठे रीठों के कुछ वृक्ष श्री गुरु नानक देव जी की अपार कृपा से मौजूद हैं। इस क्षेत्र में अन्य कुछ खाने को न मिलने के कारण उस समय श्री गुरु नानक देव जी तथा भाई मरदाना जी ने जंगली कंदमूल व मीठे रीठे खाए थे। 

PunjabKesari Gurudwara Shri Reetha Sahib

इससे संबंधित जो साखी (कथा) प्रसिद्ध है, वह गुरु जी की कृपा के प्रति आभार तथा उनके प्रति अगाध श्रद्धा प्रकट करती है। इस साखी का अपना विशेष महत्व है। गुरुद्वारा श्री रीठा साहिब में एक पुराने रीठे के पेड़ का सूखा तना मौजूद है जिसके बारे में यह विश्वास है कि यह गुरु जी के समय के पेड़ की पवित्र निशानी है। 

PunjabKesari Gurudwara Shri Reetha Sahib

अब गुरुद्वारा साहिब की भूमि पर बहुत से रीठों के पेड़ लगाए गए हैं जिनके मीठे फलों का प्रसाद संगत में बांटा जाता है। एक अन्य मार्ग से गुरुद्वारा श्री रीठा साहिब में पहुंचने के लिए एक पड़ाव गुरुद्वारा श्री नानकमता साहिब (जिला ऊधम सिंह नगर) में किया जा सकता है।

PunjabKesari Gurudwara Shri Reetha Sahib

गुरुद्वारा श्री नानकमता साहिब से श्री रीठा साहिब 175 किलोमीटर दूर है। गुरुद्वारा श्री नानकमता साहिब से चलकर खटीमा, टनकपुर, चंपावत, धूनाघाट से होते हुए गुरुद्वारा श्री रीठा साहिब पहुंचा जाता है। यह ऐतिहासिक गुरुद्वारा समुद्र तल से 7,000 फुट की ऊंचाई पर सुशोभित है। अपनी धर्म प्रचार यात्रा (उदासी) के दौरान पहले पातशाह जी हल्द्वानी व नैनीताल भी गए थे।  

PunjabKesari Gurudwara Shri Reetha Sahib

मान्यता है कि जब श्री गुरु नानक देव जी गोरखनाथ के चेले ढेरनाथ के साथ जीवन के असली व सार्थक उद्देश्य के संबंध में चर्चा कर रहे थे, तब एक अलौकिक व अद्भुत घटना घटी। गुरु जी की अपार कृपा से कड़वे रीठों में मिठास भर गई और गुरु जी के तर्कपूर्ण तथा सच्चे विचार सुनकर अंधविश्वासी योगियों को सच्चे ज्ञान की प्राप्ति हुई।

PunjabKesari Gurudwara Shri Reetha Sahib

धर्म, प्रभु-भक्ति और प्रकृति के प्रति उनके सब भ्रम व संशय मिट गए। उनके अज्ञान का अंधेरा समाप्त हो गया। उनका दंभ एवं अहंकार भी चकनाचूर हो गया।

PunjabKesari  Gurudwara Shri Reetha Sahib

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!